Bas Tum Ho
Kailash Kher
जुड़ रहे हैं सिरे
आसमान और ज़मीन के
उध रहे रंग भी
बावली सी खुशी के
मुत्ठियाँ हैं धूप की
ख्वाषों का आईना
खुद बा खुद
हो रहा ज़िंदगी से सामना
इश्क़ के माने बदल के
आ गये साए में ढाल के
इश्क़ के माने बदल के
आ गये साए में ढाल के
पारस रहे हैं फलक सभी को
मोहोबाटें की नयी आदयें
रब्ब रखें मिलन की परत
सब खुदा की जो
नैमत तुम ही हो ना
बस तुम हो बस
तुम हो तुम ही हो ना
बस तुम हो बस
तुम हो तुम ही हो ना
खुसबुओं का लड़खड़ाना
खुद नशे का बहक जाना
खुसबुओं का लड़खड़ाना
खुद नशे का बहक जाना
तुम्हे जो पी लून
तो साड़ियाँ जी लून
तुम्हे जो पी लून
तो साड़ियाँ जी लून
जब लगी इश्क़ की लत
अल्लाह ने भेजा
खत तुम ही हो ना
बस तुम हो बस तुम
हो तुम ही हो ना
बस तुम हो बस तुम
हो तुम ही हो ना