Hum Hain Bhaiya Kamal Ke
शान हमारी रख ली तूने
जियो मेरे लाल
अरे जियो-जियो, जियो मेरे लाल
तन मन अपना खुशी से झूमे ऐसा सबका हाल
हम शान के खातिर जीते है हम शान के खातिर मरते है
हम शान के खातिर जीते है हम शान के खातिर मरते है
बात अगर हो आन की तो पत्थर को पानी करते है
हम सब है बाबू कमाल के पगड़ी को रखते संभाल के
हम सब है बाबू कमाल के पगड़ी को रखते संभाल के
हम अपनी जान लूटा देते जब कोई हमें ललकारे
कुछ भी नही परवाह करते जब मिट्टी हमें पुकारे
हम अपनी जान लूटा देते जब कोई हमें ललकारे
कुछ भी नही परवाह करते जब मिट्टी हमें पुकारे
अपनी जान से बढ़ कर भी है
हो ओ ओ ओ हो ओ ओ ओ
अपनी जान से बढ़ कर भी है
इज़्ज़त हमको प्यारी कदम बढ़ा के ना पीछे हटे
आजाए दुनिया सारी
हर फिकर को रखते है भैया हो ओ ओ ओ
हर फिकर को रखते है भैया ताखे पे डाल के
हम सब है बाबू कमाल के पगड़ी को रखते संभाल के
हम सब है बाबू कमाल के पगड़ी को रखते संभाल के
बाज़ी कैसी क्यूँ ना हो बस जीतना ही हम जाने
कर देते वो काम सदा
एक बार जो मन में ठाने
बाज़ी कैसी क्यूँ ना हो बस जीतना ही हम जाने
कर देते वो काम सदा
एक बार जो मन में ठाने
हमसे ना टकराना कोई हो ओ ओ ओ
हमसे ना टकराना कोई खबरदार करते है
हर जोखिम, हर ख़तरे से हम होशियार रहते है
इसीलिए तो बड़ा किया है हो ओ ओ ओ
इसीलिए तो बड़ा किया है मा-बाप ने पाल के
हम सब है बाबू कमाल के पगड़ी को रखते संभाल के
हम सब है बाबू कमाल के पगड़ी को रखते संभाल के
हम सब है बाबू कमाल के पगड़ी को रखते संभाल के हा