Nasamajh

Aditya Rikhari

नासमझ वो समझता नहीं
दिल मेरा उसके बिना कहीं लगता नहीं

मैं सीने में उतारूँ
तेरी जुल्फें सवारूँ
तू आजा बैजा नेहड़े सारी
रतियाँ निहारूँ
मैं सीने में उतारूँ
तेरी जुल्फें सवारूँ
मैं काला टीका लाके
तेरी नज़रें उतारूँ

तेरी आँखों के दरिया में कूदे
भवरिया में डूबे
हाँ डूबे तो किनारा ना मिला

तेरे पीछे है हारा दिल ऐसे
बेचारा दिल ऐसे
के ढूंढा तो दुबारा ना मिला

हूँ लापता तुझमे कहीं
मुझको भी मैं अब मिलता नहीं

नासमझ वो समझता नहीं
दिल मेरा उसके बिना कहीं लगता नहीं
नासमझ वो समझता नहीं
दिल मेरा उसके बिना कहीं लगता नहीं

कल्ली कल्ली रातां तेरे
ख़्वाबां च गुज़ारी तू वि
थोड़ा जेहा याद सानु कर लेना

अस्सी रखेया छुपा के साडे
दिल विच तैनु तू वि
सानु तेरे दिल विच रख लेना

कल्ली कल्ली रातां तेरे
ख़्वाबां च गुज़ारी तू वि
थोड़ा जेहा याद सानु कर लेना

अस्सी रखेया छुपा के साडे
दिल विच तैनु तू वि
सानु तेरे दिल विच रख लेना

रख ले कहीं मुझको छुपा के तू
मुझको किसी की परवाह नहीं

नासमझ वो समझता नहीं
दिल मेरा उसके बिना कहीं लगता नहीं

कल्ली कल्ली रातां तेरे
ख़्वाबां च गुज़ारी तू वि
थोड़ा जेहा याद सानु कर लेना

अस्सी रखेया छुपा के साडे
दिल विच तैनु तू वि
सानु तेरे दिल विच रख लेना

Curiosità sulla canzone Nasamajh di Aditya Rikhari

Quando è stata rilasciata la canzone “Nasamajh” di Aditya Rikhari?
La canzone Nasamajh è stata rilasciata nel 2022, nell’album “Nasamajh”.

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