Purab Se Uthi Kali Ghata

Ishwar Chandra Kapoor

पूरब से उठी काली घटा मस्ती का आलम
मस्ती का आलम छा गया
फुलो ने हंस कर ये कहा जीने का मौसम
जीने का मौसम आ गया
कुदरत की हर अंगड़ाई पे
कुदरत की हर अंगड़ाई पे
कलियो ने ली अंगड़ाईया
कलियो ने ली अंगड़ाईया
क्यूँ जिंदगी के गीत कोई होले होले
होले होले गा गया
पूरब से उठी काली घटा मस्ती का आलम
मस्ती का आलम छा गया

वो बादलों की टोलियाँ
हो ओ ओ हो ओ
वो बादलों की टोलियाँ
फैलाए अपनी झोलिया
फैलाए अपनी झोलिया अपनी झोलोइया
मोती लुटाने आ गयी हर्शी से नशा
हर्शी से नशा छा गया
पूरब से उठी काली घटा मस्ती का आलम
मस्ती का आलम छा गया
जब पास वो आने लगे
जब पास वो आने लगे
हम उनसे शरमाने लगे
हम उनसे शरमाने लगे
छुप छुप के उनके प्यार की
छुप छुप के उनके प्यार की
दिल फिर भी कसमे खा गया
पूरब से उठी काली घटा मस्ती का आलम
मस्ती का आलम छा गया

Curiosità sulla canzone Purab Se Uthi Kali Ghata di शमशाद बेगम

Chi ha composto la canzone “Purab Se Uthi Kali Ghata” di di शमशाद बेगम?
La canzone “Purab Se Uthi Kali Ghata” di di शमशाद बेगम è stata composta da Ishwar Chandra Kapoor.

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