Koi Meri Sune Aurat Na Bane

Husnalal-Bhagatram, Qamar Jalalabadi

कोई मेरी सुने औरत ना बने
ये तो मर्दों का है संसार रे
कोई मेरी सुने औरत ना बने
ये तो मर्दों का है संसार रे

भाई बहन की सुनो कहानी
भाई की किस्मत तेज़
भाई बहन की सुनो कहानी
भाई की किस्मत तेज़
भाई को देखे हंस के दुल्हनिया
बहन से माँगे दहेज
हाय मैं मर गयी राम
हाय मैं मर गयी राम
हाय मैं मर गयी हाय मैं मर गयी
दुनिया के बाज़ार में बिकता इक नारी का प्यार रे
कोई मेरी सुने औरत ना बने
ये तो मर्दों का है संसार रे
कोई मेरी सुने औरत ना बने
ये तो मर्दों का है संसार रे

बीवी घर में भक्ति और सेवा की ज्योत जलाए
बीवी घर में भक्ति और सेवा की ज्योत जलाए
बाबू सैर करे दुनिया की
गैरों से नैन लड़ाए
हाय मैं मर गयी राम
हाय मैं मर गयी राम
हाय मैं मर गयी हाय मैं मर गयी
कभी दिल है यहाँ कभी दिल है वहाँ
हाय मर्दों का झूठा प्यार रे
कोई मेरी सुने औरत ना बने
ये तो मर्दों का है संसार रे

मा बेचारी सब के आँसू अपनी आँख में लाए
मा बेचारी सब के आँसू अपनी आँख में लाए
ये मर्ज़ी औलाद की
चाहे या ठुकराए
हाय मैं मर गयी राम
हाय मैं मर गयी राम
हाय मैं मर गयी हाय मैं मर गयी
माटी मैं गिरी हैं वो कलियाँ
दुनिया का है जो सिंगार रे
कोई मेरी सुने औरत ना बने
ये तो मर्दों का है संसार रे

Curiosità sulla canzone Koi Meri Sune Aurat Na Bane di शमशाद बेगम

Chi ha composto la canzone “Koi Meri Sune Aurat Na Bane” di di शमशाद बेगम?
La canzone “Koi Meri Sune Aurat Na Bane” di di शमशाद बेगम è stata composta da Husnalal-Bhagatram, Qamar Jalalabadi.

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