Humse Na Dil Ko Lagana Musafir

Bharat Vyas, Madan Mohan

हमसे न दिल को लगाना मुसाफिर
हमसे न नज़रें मिलाना जी
अपना मोहल्ला जाओगे भूल बाबू
हमरी गली नहीं आना जी

चार पैसा हैट खरीदा और
पंद्रह की नेकटाई आए
प्यार का सौदा करने आये
मिले बाई

तिरछी नज़र से देखा तुम्हे
बल खाके जो ली अंगड़ाई
तो हैट गिरेगा पाऊँ में जा
ढीली हो जायेगी नकटाई
काहे को तुम अपने दिल को बनाते
हमरी नज़र का निशाना जी
अपना मोहल्ला जाओगे भूल बाबू
हमरी गली नहीं आना जी

गोरा मुखड़ा चाँद सा
सूरत है की ओट
एक झलक हम देख के चुप
घर जाएंगे लौट
गोरे गोरे मुखड़े से
घूंघट हटा के
हमने किया जो इशारा
तो दौडेगी छन
चं बिजली बदन में
दिन ही में दीखेगा तारा
काहे को ऐसा धंधा करो जो
पीछे पड़े पछताना जी
अपना मोहल्ला जाओगे भूल बाबू
हमरी गली नहीं आना जी
हमसे न दिल को लगाना मुसाफिर
हमसे न नज़रें मिलाना जी
अपना मोहल्ला जाओगे भूल बाबू
हमरी गली नहीं आना जी

Curiosità sulla canzone Humse Na Dil Ko Lagana Musafir di शमशाद बेगम

Chi ha composto la canzone “Humse Na Dil Ko Lagana Musafir” di di शमशाद बेगम?
La canzone “Humse Na Dil Ko Lagana Musafir” di di शमशाद बेगम è stata composta da Bharat Vyas, Madan Mohan.

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