Ek Kali Nazon Ki Pali

Wali Saheb, Ghulam Haider

एक कली नाज़ो की पाली
एक कली नाज़ो की पाली
रहती थी सदा गुलज़ारो में
एक कली नाज़ो की पाली
एक कली नाज़ो की पाली
रहती थी सदा गुलज़ारो में
चर्चा था उसके यौवन का
चर्चा था उसके यौवन का
नीले आकाश के तारो में
चर्चा था उसके यौवन का
नीले आकाश के तारो में
इक दिन खेल रही थी हंस हंस के
हा हा हा हा
इक दिन खेल रही थी हंस हंस
रंग बरंग फूलो में
इक दिन खेल रही थी हंस हंस
रंग बरंग फूलो में
झूल रही थी झूला डाले
पुष्पलता के झूलों में
झूल रही थी झूला डाले
पुष्पलता के झूलों में

इतने में एक भंवरे ने
उस कली से नैन मिलाए
इतने में एक भंवरे ने
उस कली से नैन मिलाए
नैनो की भाषा में जाने
क्या क्या भेद बताये
नैनो की भाषा में जाने
क्या क्या भेद बताये
कली जो हँस कर फूल बनी
तब भँवरा आ गया पास
कली जो हँस कर फूल बनी
तब भँवरा आ गया पास
छिन भर में फिर छीन लिया
सब राग रूप और बास
छिन भर में फिर छीन लिया
सब राग रूप और बास
छिन भर में फिर छीन लिया
सब राग रूप और बास

Curiosità sulla canzone Ek Kali Nazon Ki Pali di शमशाद बेगम

Chi ha composto la canzone “Ek Kali Nazon Ki Pali” di di शमशाद बेगम?
La canzone “Ek Kali Nazon Ki Pali” di di शमशाद बेगम è stata composta da Wali Saheb, Ghulam Haider.

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