Ari O Albeli Naar

Manohar Lal Khanna

अरी ओ अलबेली नार
क्यू करे छुपा कर वार
घूँघट के पत खोल दे
और करले अंखिया चार
हो चल सैर करा दूं
गंगा के मेले में
गंगा के मेले में
गंगा के मेले में
गंगा के मेले में
गंगा के मेले में
तू जूता बहरूपिया
गिरा तेरा प्यार
तेरी सकल लंगूर की
मैं हो गई रे बेजर
हो मुझे छोड़ गया तू
मेले के रेले में
हो मुझे छोड़ गया तू
मेले के रेले में
हो चल सैर करा दूं
गंगा के मेले में
गंगा के मेले में

मैंने देखी नर एक जुल्फी
पहले क्यों न खली रे बर्फी
हो वो तो चली ऐसी
जैसे मेले में
हो वो तो चली ऐसी
जैसे मेले में
साजन अकेले में
साजन अकेले में
हा तू क्या जाने पीड़ पराई
आजी इश्क नहीं है दूध मलाई
मजनू की खातिर
क्यों लैला हुआ दीवाना
तुझे भी खबर नहीं
लैला मर्द था या जनाना
चल सैर करा दून
गंगा के मेले में
गंगा के मेले में
गंगा के मेले में
गंगा के मेले में

Curiosità sulla canzone Ari O Albeli Naar di शमशाद बेगम

Chi ha composto la canzone “Ari O Albeli Naar” di di शमशाद बेगम?
La canzone “Ari O Albeli Naar” di di शमशाद बेगम è stata composta da Manohar Lal Khanna.

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