Ishq Ka Kalmaa
कलमा
कलमा हो ऊ कलमा
मुझे इश्क़ का कलमा याद रहा
हे मुझे इश्क़ का कलमा याद रहा
मई बाकी सब कुछ भूल गयी
हो मुझे इश्क़ का कलमा याद रहा
मई बाकी सब कुछ भूल गयी
इक नाम पिया का याद रहा
इक नाम पिया का याद रहा
मई बाकी सब कुछ भूल गयी
कही चाँद मेरी च्चत पर चमके
कही सूरज मेरे घर बोले
कही जोगी देखे ख्वाबों मैं
कही पियर फकीर नज़र आए
मुझे तेरा मुखड़ा याद रहा
मुझे तेरा मुखड़ा याद रहा
मई बाकी सब कुछ
भूल गयी भूल गयी
मई भी मिट्टी दुनिया भी मित्तीी
दुनिया का हर रिश्ता मिट्टी
मैं यार को मौल्ला कहती हू
मौल्ला है अमर बंदा है पियर
मुझे मौल्ला मौल्ला मौल्ला
मुझे मौल्ला मौल्ला याद रहा
मुझे मौल्ला मौल्ला याद रहा
मई बाकी सब कुछ भूल गयी
भूल गयी
तेरा जलवा मुझे मिला ना मिला
खुले रहे मेरी आँखो के घर
मुझे तूने कबूल किया ना किया
सर रखती तेरी चुखट पर
हो मुझे आपना
सजदा याद रहा
हो मुझे आपना
सजदा याद रहा
मई बाकी सब कुछ
भूल गयी भूल गयी
मुझे इश्क़ का कलमा
मुझे इश्क़ का कलमा
कलमा मुझे इश्क़ का
कलमा याद रहा
मई बाकी सब कुछ
भूल गयी भूल गयी कलमा