Laal Ishq
Universal, Shourya Mishra
जब कहा था, मोहब्बत गुनाह तो नहीं
फिर गुनाह के बराबर सज़ा क्यूँ मिली
ज़ख़्म देते हो, कहते हो, सीते रहो
जान लेकर कहोगे कि जीते रहो
प्यार जब-जब ज़मीं पर उतारा गया
ज़िंदगी, तुझको सदक़े में वारा गया
प्यार ज़िंदा रहा मक़्तलों में, मगर
प्यार ज़िंदा रहा मक़्तलों में, मगर
प्यार जिसने किया है वो मारा गया
हद यही है तो हद से गुज़र जाएँगे
इश्क़ चाहेगा, चुप-चाप मर जाएँगे