Aakhiri Din
Sifar
सागर में बहोगे तुम या तारो में रहोगे तुम
क्या करोगे तुम
सस्ती पुराणी किताबों में, उन टूटी फूटी दुकानो में
क्या ढूँढ़ते हो तुम
किसको तुम बुलाओगे, एहसान मनाओगे
अगर तुम्हारा हो
कोई न आगे रास्ता न पीछे है खड़ा
आ गया है जो
आखिरी दिन
वो ओ ओ ओ
आखिरी दिन
वो ओ ओ ओ
आखिरी दिन
वो ओ ओ ओ
आखिरी दिन
वो ओ ओ ओ
कागज़ की कश्ती थी ज़िन्दगी, तूने किनारे पे फिर क्यूँ जी
अब मान जा
ख्वाबों का रास्ता था तेरे पास, तुझमे छुपा था कोई ख़ास
पहचान जा
तेरा हमेशा से था जहाँ तेरा आसमान
न अपनाया क्यूँ
कोई न आगे रास्ता न पीछे है खड़ा
आ गया है जो
आखिरी दिन
वो ओ ओ ओ
आखिरी दिन
वो ओ ओ ओ
आखिरी दिन
वो ओ ओ ओ
आखिरी दिन
वो ओ ओ ओ