Rehmat Pe Teri Mere Gunahon Ko Naaz Hai
रहमत पे तेरी मेरे गुनाहो को नाज़ है
बंदा हूँ जानता हूँ तू बंदानवाज़ है
बंदा हूँ जानता हूँ तू बंदानवाज़ है
बंदा हूँ जानता हूँ तू बंदानवाज़ है
पलटी जिधर अदा आ आ
पलटी जिधर अदा से लुभाटान-ए-खून के हूँ
होशियार क़हर की निगाह-ए-नीमबाज़ है
होशियार क़हर की निगाह-ए-नीमबाज़ है
रहमत पे तेरी मेरे गुनाहो को नाज़ है
कह दो ये संगदिल से
कह दो ये संगदिल से के तेरा संग-ए-आस्तान
ये देख ले के किसकी की जबी मे नियाज़ है
ये देख ले के किसकी की जबी मे नियाज़ है
रहमत पे तेरी मेरे गुनाहो को नाज़ है
मुँह पर लगी है मोहर-ए-खामोशी मै क्या कहूँ
मै क्या कहूँ मै क्या कहूँ
मुँह पर लगी है मोहर-ए-खामोशी मै क्या कहूँ
जो मौत ने कहा है वो अच्च्ची तराज़ है
जो मौत ने कहा है वो अच्च्ची तराज़ है
रहमत पे तेरी मेरे गुनाहो को नाज़ है