Gham Diya Mustaquil

Majrooh Sultanpuri

ग़म दिये मुस्तक़िल, इतना नाज़ुक है दिल, ये न जाना
हाय हाय ये ज़ालिम ज़माना
दे उठे दाग लो उनसे ऐ माहीनों कह सुनना
हाय हाय ये ज़ालिम ज़माना

दिल के हाथों से दामन छुड़ाकर
ग़म की नज़रों से नज़रें बचाकर
दिल के हाथों से दामन छुड़ाकर
ग़म की नज़रों से नज़रें बचाकर
उठके वो चल दिये, कहते ही रह गये हम फ़साना
हाय हाय ये ज़ालिम ज़माना

कोई मेरी ये रूदाद देखे, ये मोहब्बत की बेदाद देखे
कोई मेरी ये रूदाद देखे, ये मोहब्बत की बेदाद देखे
फूक रहा है जिगर, पड़ रहा है मगर मुस्कुराना
हाय हाय ये ज़ालिम ज़माना
ग़म दिये मुस्तक़िल, इतना नाज़ुक है दिल, ये न जाना
हाय हाय ये ज़ालिम ज़माना

Curiosità sulla canzone Gham Diya Mustaquil di के एल सेगल

Quando è stata rilasciata la canzone “Gham Diya Mustaquil” di के एल सेगल?
La canzone Gham Diya Mustaquil è stata rilasciata nel 2007, nell’album “Raag Gao Raag”.
Chi ha composto la canzone “Gham Diya Mustaquil” di di के एल सेगल?
La canzone “Gham Diya Mustaquil” di di के एल सेगल è stata composta da Majrooh Sultanpuri.

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