Najane Kyun
देखो कैसे परवत से बादल गये
बरसेंगे ये अब कहाँ
देखो कैसे फूलों से खुश्बू गयी
महकेंगे ये अब कहाँ
सुख बन गये सपने
सब खो गये अपने
दिल बुज गया, घर जल गया
ना जाने क्यूँ, ना जाने क्यूँ
यादों का फिर आँचल उड़ा
ना जाने क्यूँ, ना जाने क्यूँ
ना जाने क्यूँ, ना जाने क्यूँ
देखो कैसे हाथों से जुगनू गये
चमकेंगे ये अब कहाँ
क्यूँ सो गयी शामें
काट ना सकी रातें
दिल भुज गया, घर जल गया
ना जाने क्यों, ना जाने क्यों
यादों का फिर आँचल उड़ा
ना जाने क्यूँ, ना जाने क्यूँ
ना जाने क्यूँ, ना जाने क्यूँ
देखो कैसे परवत से बादल गये
बरसेंगे यह अब कहाँ
देखो कैसे फूलों से खुश्बू गयी
महकेगी यह अब कहाँ