Raat Beete Na
Yashraj Mukhate
हो ओ ओ हो ओ ओ
सहमी सहमी रात आई
तारो में कुछ बात लाई
पहले भी तो आई रातें
फिर पहले क्यू ना की बातें
कुछ नया सा ये एहसास है
कुछ नया हो रहा आज है
कुछ अलग जागे जज़्बात है
कुछ अलग हो रहा आज है
जी करता है थम जाए पल
खो जाउ मैं आए ना कल
झिलमिलाते तारो को मैं
भर लू अपनी आखों में
कुछ नया सा ये एहसास है
कुछ नया हो रहा आज है
कुछ अलग जागे जज़्बात है
कुछ अलग हो रहा आज है
ये रात बीते ना
ये रात बीते ना
ये रात बीते ना
ये रात बीते ना
हो ओ ओ हो ओ ओ