Savan
एक सावन आया ऐसे की दिल भर गया
दिल भर गया सीने तक वो आके तर गया
एक सावन आया ऐसे की दिल भर गया
दिल भर गया सीने तक वो आके तर गया
दूर किसी एक बस्ती में
दो दिये जलते थे
दो प्यार में जलती लौ
को वो बुझा कर गया
भीगा दी वो अरमानों की
दो पलकें प्यारी प्यारी
भीगा दी वो सपनों से भरी
लक्कड़ की अलमारी
कहाँ है वो पायल की छन छन
बुलाती थी जो मुझको
कहाँ है वो रंगों से भरी
खुशियों की पिचकारी
कर गई कारी अखियाँ वो प्यारी
ढलने की तैयारी
चल दी दुलारी करने वो
सारी जल धुएँ से यारी
पर्वत की दरिया से थी जो
बरगद की चिड़िया से थी जो
आवारा उन यारियों को जुदा कर गया
आग की खुशबू लाने वाली
दीवानी चिंगारियों को
हक़ीक़त के एक झोंके से वो
धुआँ कर गया
एक सावन आया ऐसे की
दिल भर गया
दिल भर गया सीने तक वो
आके तर गया
माटी की चिड़िया होती थी
जिस आँगन मे
उस आँगन की पल्को पे वो
आँसू भर गया
कहाँ है तू ओर खिलती सुबह
वो मेरे आँगन की
सुन तो ज़रा देख दर्द मेरा
ना कर जा मन की
देख रहा हूँ सपना बुरा
मुझे जगा तो ज़रा
मेरा नाम ले मेरे सामने आ मुझे
बुला तो सही
ओ रे खुदा तेरे मन मे वहाँ
ऐसी थी क्या रुसवाई
पल भर की आहत मे मेरी
दुनिया ही उजड़ा दी