Manzil

Anupam Roy

ना पता, ना ठिकाना
घर से हम तो निकल चुके है
जाने क्या ये ज़माना
इन हवाओं में आशिक़ी है

ना पता, ना ठिकाना
घर से हम तो निकल चुके है
जाने क्या ये ज़माना
इन हवाओं में आशिक़ी है
राज़ी तो कब से थे
दिल को था समझाना
दिल को था समझाना
मंज़िल क्या पता
मिले भी या ना मिले वो
फिर भी गाता रहूँ
एक खुशी में चला हूँ मैं

ये सफ़र है सुहाना
ना ख़तम हो सिलसिला ये
क्यूँ है ग़म को मिटाना
साथ ही साथ वो बहता जाए
जो कुछ भी बाक़ी था
राहों में है, राहों में है
मंज़िल क्या पता
मिले भी या ना मिले वो
फिर भी गाता रहूँ
एक खुशी में चला हूँ
मंज़िल क्या पता
मिले भी या ना मिले वो
फिर भी गाता रहूँ
एक खुशी में चला हूँ मैं

Canzoni più popolari di अनुपम रॉय

Altri artisti di Asiatic music