Ek Dharti Hai Ek Hai Gagan
Avinash Vyas, Nilkanth Tewari
एक धरती है एक है गगन
एक मन मेरा एक है लगन ओ सजन
एक धरती है एक है गगन
एक मन मेरा एक है लगन ओ सजन
जितने अम्बर में है तारे
जितने अम्बर में है तारे
साजन मेरे संग जितने न्यारे
ओ मेरे नैनो में
उतने खिले सपन ओ सजन
एक धरती है एक है गगन
एक मन मेरा एक है लगन ओ सजन
ओ ओ चन्दा तोरि मै हू चकोरी
जनम जनम का नाता
ओ ओ चन्दा तोरि मै हू चकोरी
जनम जनम का नाता
प्यार हमारा रोज़ गगन में
तारों के दीप जलाता
ओ ओ इन तारों में
चमके मन की अगन ओ सजन
एक धरती है एक है गगन
एक मन मेरा एक है लगन ओ सजन
चाहे टूटे जीवन बिना
चाहे टूटे तार पिया
चाहे टूटे जीवन बिना
चाहे टूटे तार पिया
लेकिन कभी न टूटे मन की
मधुर मधुर झनकार पिया
ओ ओ पिया छूटे न अपना
ये बंधन ओ सजन
एक धरती है एक है गगन
एक मन मेरा एक है लगन ओ सजन
एक धरती है एक है गगन