Chand Hansa Aakash Pe
Kidar Nath Sharma
चाँद हसा आकाश पे और
तारो में इशारे होने लगे
तारो में इशारे होने लगे
धीरे धीरे याद उनकी
हम जो सुध बुध खोने लगे
हाए हम जो सुध बुध खोने लगे
चाँद हसा आकाश पे और
तारो में इशारे होने लगे
तारो में इशारे होने लगे
चाँद हसा
प्रीत के लिए कुछ कुछ हुँने
उलफत के तरीके सिख लिए
प्रीत के लिए कुछ कुछ हुँने
उलफत के तरीके सिख लिए
सामने सबके कह रहे
तन्हा बैठे और रोने लगे
तन्हा बैठे और रोने लगे
चाँद हसा
मन में आग लगाके वो
मन में आग लगते हो
मन में आग लगते हो
प्यासी अंखिया छलकते हो
प्यासी अंखिया छलकते हो
नैन की नैया के माली
अपनी नाव डुबोने लगे
तुम अपनी नाव डुबोने लगे
चाँद हसा