Aji Aao Mohabbat Ki Kha Le Qasam
CHITALKAR RAMCHANDRA, P L SANTOSHI
अजी आओ अजी आओ मोहब्बत की खले कसम
हमरे रहो तुम तुम्हारे रहे हम
अजी आओ अजी आओ जवानी की खले कसम
हमरे रहो तुम तुम्हारे रहे हम
अजी आओ
जिस नगर में नैया
हमरी बहे रे हमारी बहे रे
जिस धारा में दुनिया
ये सारी बहे रे ये सारी बहे रे
उस धारा में घुल मिल के बहे हम
हमरे रहो तुम तुम्हारे रहे हम
अजी आओ अजी आओ मोहब्बत की खले कसम
हमरे रहो तुम तुम्हारे रहे हम
अजी आओ
हुसान बोले मैं बोले
पपिहा हो पपिहा पिया हो
जिस बोली में धड़के
हमारा जिया हो हमारा जिया हो
उस बोली में हो उस
बोली में कानो में तुमको कहे हम
हमरे रहो तुम तुम्हारे रहे हम
अजी आओ अजी आओ मोहब्बत की खले कसम
हमरे रहो तुम तुम्हारे रहे हम
अजी आओ
चाहे पासचिं से सूरज निकालने लगे
चाहे चंदा भी गरम बलने लगे
चाहे पासचिं से सूरज निकालने लगे
चाहे चंदा भी गरम बलने लगे
ये उलफत हमारी कभी हो ना पाए कम
हमरे रहो तुम तुम्हारे रहे हम