Dil Kya Kare Jab Kisi Se
दिल क्या करे जब किसी से किसी को प्यार हो जाए
जाने कहाँ कब किसी को किसी से प्यार हो जाए
ऊँची ऊँची दीवारों सी इस दुनिया की रस्में
ना कुछ तेरे बस में जाना, ना कुछ मेरे बस में
दिल क्या करे जब किसी से किसी को प्यार हो जाए
जाने कहाँ कब किसी को किसी से प्यार हो जाए
ओ उ उ आ आ उ उ
जैसे पर्वत पे घटा झुकती है
जैसे सागर से लहर उठती है
ऐसे किसी चहरे पे निगाह रुकती है
जैसे पर्वत पे घटा झुकती है
जैसे सागर से लहर उठती है
ऐसे किसी चहरे पे निगाह रुकती है
हो, रोक नहीं सकती नज़रों को, दुनिया भर की रस्में
ना कुछ तेरे बस में जाना ना कुछ मेरे बस में
दिल क्या करे जब किसी से किसी को प्यार हो जाए
जाने कहाँ कब किसी को किसी से प्यार हो जाए
आ मैं तेरी याद में सब को भुला दूँ
जीने नही देंगी मुझे रातें ये घनेरी
सोने नही देंगी पिया यादें मुझे तेरी
तेरे बिना सुनी सुनी दुनियाँ है मेरी
जीने नही देंगी मुझे रात ये घनेरी
सोने नही देंगी पिया यादें मुझे तेरी
तेरे बिना सुनी सुनी दुनियाँ है मेरी
ओ ओ
याद तेरी ना मुझको सताए
ये तो नही मेरे बस मे
ओ ना कुछ तेरे बस में जाना, ना कुछ मेरे बस में
दिल क्या करे जब किसी से किसी को प्यार हो जाए
जाने कहाँ कब किसी को किसी से प्यार हो जाए
ऊँची ऊँची दीवारों सी इस दुनिया की रस्में
ना कुछ तेरे बस में जाना, ना कुछ मेरे बस में
दिल क्या करे जब किसी से किसी को प्यार हो जाए
जाने कहाँ कब किसी को किसी से प्यार हो जाए
किसी से प्यार हो जाए
किसी से प्यार हो जाए